मानस के राम (रामकथा) - 12

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मानस के राम भाग 12भरत का अपने दल के साथ प्रस्थानवन जाकर राम को वापस लाने की सारी तैयारियां हो चुकी थीं। बस अब सही समय पर कूच करना बाकी था। कौशल्या के महल में सुमित्रा उनके साथ इसी विषय पर बात कर रही थीं। सुमित्रा ने कैकेई से कहा,"दीदी भरत को राजगद्दी का तनिक भी लोभ नहीं है। राम को कितना प्रेम करता है। उसे वापस लाने के लिए हम सबको लेकर वन में