पहली माचिस की तीली अध्याय 12 दरवाजा खोलने की आवाज सुन, अंधेरे कमरे के अंदर लेटे सुरेश, कमल कुमार और एल्बोस हाथ पैरों को बांधे हुए लोहे के जंजीर में ताले लगे हुए के साथ मुश्किल से उठ कर बैठे। दरवाजे के पास टॉर्च की रोशनी में एक जना खड़ा हुआ था। उसने आवाज भी दी। तीनों जने उठ जाओ.... बड़ी मुश्किल से किसी तरह तीनों उठ खड़े हुए। मेरे पीछे आओ.... लोहे की रॉड और शांखल जमीन से रगड़ खाती हुई तीनों उसके पीछे चलने लगे। बहुत पुराने जीर्ण-शीर्ण खंडहर वह जगह थी। अंधेरे में चमगादड़ इधर-उधर उड़ रहे थे।