उलझन डॉ. अमिता दुबे सोलह अभिनव ने मना किया और कहा - ‘नहीं मानव, यह ठीक नहीं घर में मम्मी-पापा हैं नहीं ऐसे में अकेले गाड़ी निकालकर ले जाना किसी तरह सेफ नहीं मम्मी-पापा सुनेंगे तो बहुत नाराज होंगें।’ ‘छोड़ो भी उन्हें कैसे पता चलेगा। अभी लौटकर आ जाते हैं। आने के बाद बता देंगे।’ मानव खड़ा हो गया। अभिनव ने फिर समझाया लेकिन मानव ने एक नहीं सुनी। ‘अभी आता हूँ’ कहकर वह नीचे उतर गया। गैरिज खोलकर गाड़ी निकाली और हाथ हिलाता हुआ गाड़ी तेजी से आगे बढ़ा ले गया। जाते-जाते चिल्ला कर कहा ‘अभि !गैरिज खुला रखना