बागी आत्मा 13

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बागी आत्मा 13 तेरह माधव अपने दल में पहुंचा गया। सभी ने उसे बहुत दिनों बाद बागी की ड्रेस में देखा तो एकदम माधव की जय का नारा गूंज गया। माधव बोला -‘जय तो ईश्वर की बोलना चाहिये। जिसने हम सभी से एक ऐसा काम करवा लिया है जिससे किसी के जीवन रक्षा हो सकेगी।‘ बहादुर बोले बिना न रहा -‘आप ठीक कहते हैं सरदार।‘ ‘सभी का सहयोग सराहनीय रहा। भाई से अधिक सहयोग आप लोगों का मिला। काश ! भाई होता तो शायद उसका भी इतना सहयोग न मिल पाता।‘ बात सुनकर सभी चुप