जी उठा तुलसी का पौधा

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जी उठा तुलसी का पौधा “बन्नो तेरी अँखियाँ सुरमे दानी, बन्नो तेरा टीका लाख का रे......” | शुभदा बड़ी तन्मयता से गाते हुए, गहने पहन कर शीशे में देख रही थी | तभी उसके पति शरद सिंह आए और उसकी कमर में हाथ डालते हुए बड़े प्यार से बोले - “अरे वाह! आज तो बड़ी तरन्नुम में हो |” “बेटी की शादी जो है |” शुभदा बोली | बेटी की शादी की बात सुन कर शरद सिंह भावुक हो उठे | वे शुभदा का हाथ पकड़ कर कहने लगे, “हमारी प्रिया बिटिया कितनी प्यारी, मासूम और समझदार है | चहक