जाग उठा है रे इन्सान

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** जाग उठा है रे इन्सान ** जाग उठा है रे इन्सानभगा दे अपने अंदर का शैतानछिपा है तुजमे अखुट ज्ञानयही है तेरी सच्ची पहेचानइसलिए तू है सबसे महान महेलो का तू होगा दिवानदीवारों के भी होते है कानतोल मोल के बोल अपना विधान फिसल न पाए कभी तेरी जुबान उजाला करके भगा अपना अज्ञान किधर रहेता है तेरा ध्यान तोड़ दे पहाड़ो की हर चट्टान खुद में खोज शक्तियों का तूफान तीर लगा तेरे लिए तैयार है कमानइस जग की तू इकलौती संतान गवाह हे इसका सारा आसमान तुज बिन धरती है वीरानप्रेम की मिट्टी का है तू