Broken with you... - 1

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सुबह होगी थी शायद में बस बिस्तर पर लेटी थी थोड़ा सा उदासी सी थी दिल में एक अजीब सा जैसे दर्द सा लग रहा था जैसे किसी का दिल दुखा दिया हो मेरा फोन आज बहुत( vibrate)कर रहा था बस आख़ खोलने का दिल नहीं कर रहा था । थोड़ा टाइम लगा खिड़की के किनारे से कम्बल में से देखा कम्बक्त आज भी धूप निकली है । ( दर्शाल हमको ये ठंड के कोहरे बहुत आपनी तरह लगते है इसी लिए दिल लगा लिया था उनसे)सुबह 10:15 पर ........मेरा दिल नहीं लग रहा था थोड़ा बुफर पर किशोर जी का गाना लगा