गूगल बॉय - 19 - अंतिम भाग

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गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 19 पहले तो गूगल घर में बने बाँके बिहारी मन्दिर में जाकर कभी-कभी वन्दना करता था। विशेषकर तब जब उसको परीक्षा देने जाना होता था या किसी बड़े काम के लिये जाना होता या कोई बड़ी सफलता हाथ लग जाती थी...परन्तु जब से उसे कुर्सी से ख़ज़ाना मिला है, तब से वह नियमित रूप से मन्दिर में पूजा-पाठ करने लगा है। अब उसको पूरा विश्वास हो गया है कि उसका जो भी काम बन रहा है, वह बाँके बिहारी जी की कृपा से बन रहा है। गूगल के अन्दर बहुत