गवाक्ष - 42

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गवाक्ष 42== चिकित्सकों ने मंत्री जी को मृत घोषित कर दिया। मंत्री जी के सुपुत्र पहले ही से उपस्थित थे, पिता के न रहने की सूचना जानकर उनकी ऑंखें अश्रु-पूरित हो गईं लेकिन मनों में जायदाद के बँटवारे की योजना प्रारंभ हो गई थी । बहन भक्ति के पहुँचने की प्रतीक्षा करनी ही थी। मंत्री जी अपने कमरे से निकलकर आत्मा के स्वरूप में कॉस्मॉस के साथ अपने आँगन के वृक्ष पर जा बैठे । वे दोनों केवल प्रोफेसर के ज्ञान-चक्षुओं को दिखाई दे रहे थे। डॉ. श्रेष्ठी नीचे अन्य लोगों के साथ बैठे थे । मंत्री जी के दोनों पुत्र