जासूसी का मज़ा भाग 3

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बैठक में से चौधरी जी की आवाज़ आई "सुनती हो ज़रा बाहर का चक्कर लगाकर आते है" ये कहकर जब चौधरी जी और आनंद घर के बाहर गए तो फटाफट किचन का काम निपटाकर चौधराइन जी हॉल में चली आई। चैन की सांस लेकर बैठी ही थी कि क्या देखती है जहाँ चौधरी जी बैठे थे ठीक वही ,सोफे के पास जमीन पर विसिटिंग कार्ड रखा है ,उन्होंने कार्ड हाथ में लिया और पढने लगी “ दयाल डिटेक्टिव एजेंसी , सभी प्रकार के जासूसी काम किए जाते हैं ,पति/पत्नी की जासूसी ,बेकग्राउंड चेक ,corporate डिटेक्टिव ..और भी कुछ कुछ लिखा