गवाक्ष - 41

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गवाक्ष 41== कुछ ही देर में कार मंत्री सत्यप्रिय के बंगले के बाहर जाकर रुकी। मार्ग में कुछ अधिक वार्तालाप नहीं हो सका था। मंत्री जी के बंगले के बाहर चिकित्सकों की व अन्य कई लोगों की गाड़ियाँ खडी थीं, काफी लोग जमा थे और उनके स्वास्थ्य के बारे में चर्चा कर रहे थे। प्रोफेसर विद्य को देखते ही वहाँ उपस्थित लोगों ने उन्हें आदर सहित भीतर जाने दिया था । वे मंत्री जी के कुछेक उन चुनिंदा लोगों में थे जिनसे वहाँ के अधिकांश लोग परिचित थे। कॉस्मॉस को अपने छद्म रूप में ही जाना था। अत: दोनों के मार्ग भिन्न थे किंतु लक्ष्य व उद्देश्य