कैदी नंबर 306 - मिलन

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‘कैदी नंबर 306’ , ‘कैदी नंबर 306 रिटर्न्ड’ एवं ‘कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी’ मैं आपने पढ़ा की रामखिलावन निहायत ही शरीफ आदमी था और अपनी जीविका चलाने के लिए प्रेस मैं रिपोर्टर का काम कर रहा था। पुलिस द्वारा दर्ज़ किये गए एक फ़र्ज़ी मामले को जान, रामखिलावन सच पुलिस के सामने खोलने का प्रयास करता है तब पुलिस रामखिलावन को भी फ़र्ज़ी मामले मैं फसा देती है। रामखिलावन खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास करता है, परन्तु पुलिस अपनी नाकामी छुपाने के लिए प्रयासरत है, इसीलिए रामखिलावन के निर्दोष होने के साक्ष्य कोर्ट मैं नहीं पहुँच