एक पाँव रेल में: यात्रा वृत्तान्त - 6

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एक पाँव रेल में: यात्रा वृत्तान्त 6 6 रत्नावली और द्वारिका पुरी तुलसी दास की धर्मपत्नी मातेश्वरी रत्नीवली ने यात्रा कराई द्वारिका पुरी की । आपको यह बात कुछ अजीब सी लगेगी। बात यह हुई गुजरात हिन्दी विद्यापीठ की पत्रिका रैन बसेरा अक्सर मेरे पढ़ने में आती रहती थी। मैं उसका नियमित ग्राहक भी बन गया था। उसमें गुजरात हिन्दी विद्यापीठ की साहित्यकार पुरस्कार योजना का विज्ञापन प्रकाशित हुआ। जिसमें देश भर के साहित्यकारों से उनकी वर्ष 1998ई0 में प्रकाशित पुस्तकें माँगीं गईं थी। मेरी उपन्यास रत्नावली उसी वर्ष प्रकाशित हुई थी। विज्ञापन देखकर मैंने