ये कैसी राह - 15

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उस दिन दोनों दोस्त (जवाहर और अरविंद)आपस में मिल कर बहुत खुश थे पुरानी याद ताजा हो गई थी । जवाहर जी भी अपने घर जा कर पत्नी रत्ना से सारी बात बताई, आज मै अरविंद के घर गया था। जवाहर जी ने रात को सोते समय कहा, मै तुमसे कुछ बात करना चाहता हूं। जब से आया हूं अरविंद के घर से तभी से सोच रहा हूं पर तुम्हे फुरसत हीं नहीं है सुनने की।