आरव, अरुणा, ऋषभ और अनु सभी कमलानगर मार्किट में शॉपिंग कर रहे थें । सभी दुकानदार से कपड़े खरीदने का भाव-मोल कर शोर मचा रहे थें । आरव से रहा नहीं गया और वो बाहर आ गया। उसने मार्किट का नज़ारा देखा, लड़कियाँ फेरीवाले से कपड़े ले रही थीं सब एक झुण्ड में खड़ी हो तितलियो से कम नहीं लग रही थीं । वही जोड़े गोलगप्पे-चाट पकौड़ी एक दूसरे के मुँह में डाल रहे थें और खुश हो रहे थे। तभी उसकी नज़र सामने से आती बाइक पर पड़ी जिस पर से पीहू संभलकर उतर रही थी, उसका हाथ सोनू