मंगलकामना ‘टिन-टिन,टिन-टिन, जय गणेश…. जय गणेश...!’ ऊपर के फ्लैट से हवा में तैरती मद्धम स्वर लहरियाँ श्रद्धा के कानों में पड़ी और उसके हाथों ने काम की रफ्तार बढ़ा दी अब मातारानी, भोले भण्डारी की आरतियाँ, उसके बाद धूप-कपूर की महक का एक झोंका उसके किचन में चला आएगा, फिर तुलसी जी को जल चढ़ाया जाएगा, जिसके छींटे श्रद्धा की बालकनी तक आएंगे और बस अगले 8-10 मिनिट के अंदर लिफ्ट उसके फ्लोर पर होगी, जिसमें मौजूद होगी, वह श्रद्धा एक क्षण को ठिठकी, हाथ में पकड़ी थाली पलटकर उसमें अपनी छवि देखने का प्रयास किया, क्या वह मुस्कुरा रही