गूगल बॉय - 14

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गूगल बॉय (रक्तदान जागृति का किशोर उपन्यास) मधुकांत खण्ड - 14 पिछले दस दिन से महा रक्तदान शिविर की तैयारियाँ बड़े उत्साह से चल रही थीं। रेडक्रास सचिव को जब गूगल ने कैम्प लगाने की बात कही तो उन्होंने उत्साह से भरकर पूछा - ‘कितने यूनिट का कैम्प लगेगा?’ ‘लगभग पाँच सौ यूनिट का..।’ ‘आपने कैसे अनुमान लगाया?’ ‘एक सौ पचास रक्तदाताओं की लिस्ट तो आई.टी.आई. के छात्रों की आ गयी है, सौ के आसपास यहाँ के कॉलेज के छात्र हैं। पचास के आसपास बाँके बिहारी जी के भक्त हैं...सब अनुमान लगाकर मैंने पाँच सौ यूनिट का विचार किया है।’