लॉकडाउन की आजाद जिंदगी

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"लॉकडाउन की आजाद जिंदगी" बचपन से लेकर अब तक इस लॉकडाउन के दौरान जितनी आजादी मुझे मिली, उतनी तो मेरे पचपन साल की जिंदगी में नहीं मिली।..अरे..!आप हँस रहे हैं मुझ पर…? हँसिये.. हँसिये.. आपको यही लग रहा है न कि टोटल लॉकडाउन में जब सब कुछ पूरी तरह बंद है, जिंदगियाँ घर में कैद रहने के लिए मजबूर हैं, हर तरफ पूरी तरह पाबंदी और सन्नाटा है तो यह मूर्ख महाशय आजादी की बात कैसे कह रहे हैं..?...एक मिनट... कहीं आप ऐसा तो नहीं समझ रहे हैं कि मैं डिप्रेशन में हूँ, मानसिक रोगी हो गया हूँ और इसीलिए घर