बात बस इतनी सी थी - 19

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बात बस इतनी सी थी 19. रात काफी हो चुकी थी और सड़क सुनसान थी । उस समय स्ट्रीट लाइट भी नहीं चल रही थी, इसलिए सुनसान-अंधेरी रात थोड़ी डरावनी हो चली थी । फिर भी, मैं बेफिक्र-सा होकर मंजरी के बारे में सोचता हुआ गाड़ी चलाता जा रहा था । तभी अचानक मेरी गाड़ी के आगे एक युवक को आता हुआ देखकर मैंने जल्दी से ब्रेक मारा और गाड़ी एक झटके के साथ रुक गयी । मैंने भगवान का धन्यवाद किया कि मंजरी को छोड़कर मेरा ध्यान सही समय पर सड़क पर लौट आया था । समय पर ब्रेक