समय यात्रा.. - 2

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अचानक तेज रोशनी से उसकी आँखों पर प्रकाश पड़ता है, वो अपने आपको एक अंजान जगह पर पाती है। उसके चारों ओर दूर दूर तक कोई भी नहीं नजर नहीं आता हैं उस अपने पीछे ठंडी हवा के साथ पानी की लहरों की अवाज सुनाई देती है, वो पीछे मुड़कर देखती है सामने एक तालाब दिखाई देता है। वो समझ ही नहीं पाती है कि आखिर वो हैं कहाँ..वो मन ही मन थोड़ी घबराई हुई भी थी। सुप्रिया थोड़ा आगे बढ़ती है, तभी उसे कुछ लोगों के कदमों की आहट सुनाई देती है, कदमों की आहट पास आते सुन कर