मानस के राम भाग 3दोबारा तप का आरंभत्रिशंकु को सदेह स्वर्ग भेजने के लिए राजर्षि कौशिक ने तपोबल से संचित अपनी समस्त शक्तियां समाप्त कर दी थीं। इसलिए वह दोबारा कठिन तप करने के उद्देश्य से राजर्षि कौशिक पश्चिम दिशा की तरफ पुष्कर में तप करने के लिए चले गए। कई वर्षों की कठिन तपस्या रंग लाई। ब्रह्मा जी ने राजर्षि कौशिक को ऋषि होने का वरदान दिया। इस वरदान के मिलने से भी कौशिक