गुजराती -हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक संस्मरण-2 हमारे भारत की भाषाओं की यह बड़ी विशेषता है कि वे अलग अलग होते हुए भी मूल से जुड़ी रहतीं हैं. एक वृक्ष की अनेक शाखाओं की भांति. अस्तित्व अलग होते हुए भी आत्मा सभी में एक है. गुजराती भाषा भी कुछ ऐसी ही है. इसकी लिपि भी बहुत कुछ हिंदी से ही मिलती जुलती है. इसे हम हिंदी की बड़ी बहिन कह सकते हैं. यह एक प्राचीन भाषा है, जिसमें अद्भुत साहित्य रचा गया है जो कालांतर में हिंदी में अनुदित होता रहा है.शायद कुछ पूर्व जन्म का