छूना है आसमान - 9

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छूना है आसमान अध्याय 9 ‘‘चेतना ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ......चेतना ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ ’’ चेतना की मम्मी ने चेतना को आवाज लगायी, लेकिन से आवाज का कोई उत्तर नहीं मिला तो वह अपने आपसे कहने लगीं, ‘‘अरे, ये चेतना बोल क्यों नहीं रही है......?’’ उन्होंने उसे दुबारा आवाज लगायी......‘‘चेतना ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ......चेतना ऽ ऽ ऽ ऽ ऽ......चेतना की तरफ से फिर कोई उत्तर नहीं मिला। ......आखिर, ये चेतना कर क्या रही है......? इसे मेरी आवाज सुनायी नहीं दे रही है क्या......? कहती हुई चेतना की मम्मी उसके कमरे में आती हैं और उसे कमरे में