समीर उसकी झुल्फों को दूर से निहार रहा है। अंजुम का काजल लगाना, हाथों में लाल चूड़ा, लाल बिंदी और लाल साड़ी तो अंजुम की खूबसूरती को चार चाँद लगा रही है।समीर: तुम बहुत खूबसूरत हो अंजुम। अंजुम: थैंक यू, मैं अब जा रही हूँ आप तैयार होकर जल्दी आ जाइएगा।अंजुम चली जाती है और समीर भी तैयार होकर रस्मों रिवाज के लिए आ जाता है।हाथ कँगन को खोलना, दूध के पानी में अँगूठी ढूंढना,सारी रस्में भली भांति पूरी होती हैं। सब नई बहू को देखकर खुश हैं। समीर की माँ: बेटा अंजुम कल तुम्हारी पहली रसोई है तो सवेरे जल्दी उठ