प्रतिदान राजा सिंह साहेब का ट्रान्सफर हो गया था, उनके चेहरे से प्रसन्नता निकल-निकल रही थी। शारीरिक भाषा बया कर रही थी कि वह कितने प्रसन्न है। वह अपने घर गाजियाबाद जा रहे थे, अपने बीबी बच्चों के पास। यहाँ कौन है उनका अपना ? विगत पाँच सालो से वह यहाँ रह रहे है। कभी घर जाना भी हुआ तो दो चार दिनों के लिए । बहुत ज्यादा हुआ तो एक हफ्ता के लिये, बस इससे ज्यादा नहीं । परन्तु मैं क्यों उदास हॅू ? उॅंपर से देखने में तो नहीं लगता । परन्तु अन्दर ही अन्दर कुछ दरक रहा