अपने-अपने इन्द्रधनुष (7) ’’ दीदी.......दीदी....’’ .सहसा पीछे से आवाज आयी। कोई मुझे ही पुकार रहा था। कौन....? पीछे पलट कर देखा तो महुआ थी। मैं रूक गयी। वह मुस्कराती हुई मेरी ओर बढ़ी। आज वह अकेली नही थी। उसके साथ कोई पुरूष भी था। ’’ यह मेरा आदमी है। ’’ मेरे