किस्सा लोकतंत्र: विभूतिनारायण राय

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उपन्यास किस्सा लोकतंत्र: विभूतिनारायण राय लोकतंत्र का कच्चा चिट्ठा बताती एक उम्दा कहानी हिन्दी उपन्यास का वर्तमान काल उपन्यास के पुनरोदभव का काल कहा जा सकता हैं, पिछले कुछ बरसों में ही हिन्दी में अनेक संभावनशील लेखकों की रचनाएँ सामने आई हैं,। इन लेखकों ने अपना सर्वश्रेष्ठ सृजन यानि बेस्ट उपन्यास के रूप में पाठकों को सौंपा है, ऐसे लेखकों में गोविन्द मिश्र, उदयप्रकाश, स्वयं प्रकाश, विभूतिनारायण राय, मैत्रेयी पुष्पा, वीरेन्द्र जैन, गिरराज किशोर, भगवान सिंह, पुन्नीसिंह, गीताश्री , जयनंदन , एवं सुरेन्द्रवर्मा के नाम प्रमुखता से लिया जा सकता हैं। इन लेखकों के पिछले दिनों छपे