नूपर और योका को जंगल में भटकते हुए कई दिन हो गए थे. लेकिन, शिकार के लिए युवक अभी तक नहीं मिला था.विदेशियों के आने म़े केवल एक दिन बाकी था.नूपर और योका का थकान से बुरा हाल था. वह थक कर एक पेड़ का सहारा लेकर बैठ गई."क्या हुआ?"नूपर को बैठते देखकर योका ने पूँछा."अब नहीं चला जाता."नूपर पैर फैलाते हुए बोली."थोड़ी देर आराम कर लो."योका भी नूपर के पास बैठ गया. नूपर ने चारों ओर दृष्टि डाली तो चौंक गई. उनसे कुछ दूरी पर दो आदमी बैठे थे. जो देखने में भारतीय नजर आ रहे थे.