पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 24

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 24. अब शिखा को समीर के जुड़े हुए सभी काम पूरे करने थे| सबसे पहले उसने समीर के अलमारियों में लगे हुए कपड़ों को जगह-जगह पर जाकर दान में दिया| उनके घर में कोई भी नहीं था जो उसके कपड़ों को खुशी-खुशी पहनता| वैसे भी सबके साइज़ बहुत अलग होते हैं| जब उसकी इस टॉपिक पर प्रखर से फोन पर बात हुई तो उसी ने कहा.. “शिखा! समीर हो या मैं हूँ या तुम भी हो.....हमारे जाने के बाद कोई भी हमारी चीजों को पहनना चाहेगा बहुत मुश्किल है| हर पीढ़ी की अपने पसंद है| सच तो