पुनर्मिलन'देवेशजी, आप तो पढ़े लिखे इंसान हैं...इतनी निर्दयता से तो कोई जानवर को भी नहीं मारता...बच्चे प्यार से समझते हैं न कि मार से प्यार रूपी नकेल से शैतान से शैतान बच्चे को ठीक किया जा सकता है....।बच्चे तो फूल के समान होते है, उचित परवरिश से ही उनका उचित एवं संतुलित विकास हो पाता है । शायद आपको पता नहीं आजकल बच्चों के प्रति क्रूरता अपराध है !! 'डाक्टर नरेन्द्र ने विक्की को देखकर किंचित क्रोध से कहा । क्या मैं अनाड़ी और बेवकूफ हूँ जो बेवजह ही विक्की को मारता...पहले तो समझाने का ही प्रयत्न किया था, जो भी