आदमी का शिकार - 13

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शाम गहरा गई थी. बस्ती पर अंधेरे की हल्की चादर तनने लगी थी.बस्ती के लोग वापस लौट आए थे.सरदार और तन्वी छाँव के बाहर बैठे थे. योका अंदर छाँव में चटाई पर लेटा था.नूपर उसके पास बैठी थी. उसको मनकी का इंतजार था.कई बार वह उठकर बाहर देख आयी थी.लेकिन, मनकी का कहीं पता नहीं था."मनकी नहीं आयी."नूपर ने योका से कहा."जरूर आयेगी."योका पूरे विश्वास से बोला. नूपर की आँखें दरवाजे की ओर ही लगु थीं. इसबार उसे निराश नहीं होना पड़ा. मनकी आ रही थी.योजना के अनुसार नूपर और मनकी तन्वी के पास गई."मुझे दिशा मैदान जाना