कन्या पूजन (कहानी)

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'कन्या पूजन ' (कहानी) हर साल शांति देवी नवमी की पूजा बड़ी धूमधाम से करती है |शांति देवी के चार बेटे हैं और चारों विवाहित है | पति की मौत के बाद शांति देवी अपने छोटे भाई बसंत ठाकुर के साथ ही रहती है| अपनी बहन के बच्चों के दुलार में बसंत ठाकुर ने अपनी पूरी उम्र निकाल दी|उसने शादी नहीं की ,बसंत ठाकुर गांव का सरपंच है|घर के सभी सदस्यों ने पूजा की और चारों बहुएँ रसोई में लग गई |पहली बहू से सबसे छोटी वाली बहू ने पूछा" भाभी सा अम्मा जी नहीं दिखाई दे रही" बड़ी