अंतिम पूँजी

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अंतिम पूँजी पवित्रा अग्रवाल अनूप बहुत गुस्से में था, वह आँगन से ही बोलता हुआ आया -- 'माँ सुना आपने अभी वह क्या कहा रहा था ?' बिना पूछे ही मैं समझ गई कि वह किसके विषय में कह रहा है। जब से चाची जी मरी हैं तब से इस घर के सब सदस्यों का मन संतू के प्रति आक्रोश से भरा है। रिश्ते में तो वह अनूप के चाचा यानि मेरा देवर लगता है। संतुष्टि के लिए कहूँ तो सौतेला देवर किन्तु अर्थहीन रिश्तों के मध्य संबोधन रह ही कहाँ जाता है। मैं ने अनूप को टोका - अब क्या हुआ ?तुझे इतना गुस्सा