छूना है आसमान - 5

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छूना है आसमान अध्याय 5 उसी समय भीड़ में से निकलकर एक आदमी ने उससे कहा, ‘‘बेटी, मैं हर साल नये साल पर अपनी कम्पनी की तरफ से लोगों को देने के लिए हजारों कलेण्डर छपवाता हूँ। मेरी हार्दिक इच्छा है कि अब से हर साल मेरे कलेण्डर का डिजाइन और कलाकृतियाँ तुम ही बनाया करो। बदले में तुम जितना पैसा चाहोगी, मैं तुम्हें दूँगा, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम अपनी इस खूबसूरत कला को इस तरह रेत या जमीन पर बनाकर बर्बाद करो। उस वीडियो को देखकर चेतना इतनी भावुक हो गयी, इतनी भावुक हो गयी कि खुद