आसमान में डायनासौर 10 बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे बाहर आते ही सचमुच तैरने लगे थे। अब कुछ लाभ हुआ। उन यानों के भी दरबाजे खुले और प्रत्येक में से एक एक मनुष्य निकले। अंदाज प्रो. दयाल ने यान में बैठे अजय अभय ने लगाया कि स्पेस सूट में ढ़के होने के बाद भी वे सबके सब पृथ्वी वासियों जैसे लग रहे थे । प्रो. दयाल ने कुछ हरकत आरंभ की। पहले वे दोनों बांह फैलाकर एक कदम आगे बढ़े और उन लोगों की ओर ताका मगर उन पर कोई प्रतिक्रिया