भाग 1/16: हैप्पी बर्थ डे वन्स अगेन..... “बड़े-बाबू.....ओ बड़े-बाबू.....दरवाज़ा खोलिए, कब से घंटी बजा रहे हैं”, मंदार दरवाज़ा पीटते हुए बोला|थोड़ी देर में दरवाज़ा खुला और दिवाकर झांकते हुए बोले, “अरे मंदार, तुम यहाँ, इतनी रात.....?”मंदार दरवाज़ा धकेल कर अन्दर आते हुए बोला, “अरे हटिए बड़े-बाबू, सारा सवाल दरवाज़े पर ही कीजिएगा क्या....कब से दरवाज़ा पीट रहे हैं| वैसे जनमदिन की फिर से शुभ-कामना, हैप्पी बर्थ डे वन्स अगेन.....” दिवाकर ने सिटकनी चढ़ाई और अपना हाथ तौलिये में पोछते हुए बोले, “अरे वो कपड़े धो रहा था तो घंटी की आवाज़ सुनाई नहीं पड़ी....आओ बैठो|”दिवाकर न्यू इंडिया इन्श्योरेन्स में