आसमान में डायनासौर - 9

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आसमान में डायनासौर 9 बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे तीसरे दिन उन्होंने यान में लगा कम्प्युटर चालू किया और अभी तक देखे गये ग्रहों की जानकारी और चित्र देखने चाहे बटन दबाते ही सारी जानकारी पर्दे पर दिखने लगी। इसके साथ ही उन्होंनेे कम्प्युटर के इंटननेट को चालू किया तो बड़ा अचरज हुआ िकवे अपने देश से वायरलेस पर तो सम्पर्क नही ंकर पा रहे थे पर जाने किस ग्रह के आसपास थे कि इंटरनेट चल रहा था सो प्रोफेसर दयाल ने नेट चालू किया और कम्प्युटर के बहुत सारे बटन दबाकर इतिहास और जीवाश्मिक से संबंधित जानकारी