जिंदगी से मुलाकात - भाग 2

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बारिश अब थोड़ी थोड़ी हल्की हो रही थी बूंदे छतसे टपकते हुए दिखाई दे रही थे।बूंदे प्लास्टिक के गमले पर गिर रही थी जिसमें गुलाब का फूल बारिश के तूफान के कारण मुरझा गया था।बादल हट चुके थे, सूरज सीना ताने बादलों से ऊपर उठकर आया था, इंद्रधनुष्य बन चुका था।रिया थोड़ी आगे बढ़ी की तभी अभी मैं जिंदा हूं। का नारा लगाते हुए एक बूंद उसके गालों पर आकर गिर गई।अचानक कुछ ख्यालो ने निसर्ग की सुंदरता ने रिया के मन को झंझोड कर रख दिया।कुछ ख्याल उसके मन में उभरने लगे।अपने दोनों आँखों को बंद करके, अपने दोनों