आसमान में डायनासौर - 8

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आसमान में डायनासौर 8 बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे गगन यान को थोड़ा ऊँचा उठाकर वे एक तरफ बढ़े और नीचे का दृश्य गौर से देखने लगे। गगन की रफ्तार इस समय बहुत तेज हो गई थी। चट्टानी हिस्से से बहुत दूर जहां घना जंगल था उसके पास उन्हें सांड जैसे आकार का एक जंतु गेंडा जैसी मोटी चमड़ी वाला दिखा जिसकी नाक तथा दोनो आंखो के ऊपर तीन नुकीले सींग उठे हुये थे। मुंह से गर्दन तक एक मोटी परत चढ़ी हुई थी जैसे उसने लोहे का कनटोप लगा लिया हो। प्रो. दयाल ने बताया