जय हिन्द की सेना - 9

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जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म नौ बलवीर को रह—रहकर मोना की याद सता रही थी, मोना के साथ बीते कुछ घण्टे उसे याद आ रहे थे। बलवीर को लग रहा था जैसे मोना उसके पास महीनों रह कर गयी हो, कुछ ही घण्टों में बहुत प्यार पाया था उसने मोना का। आज वह खुलना छोड़ देगा। साथ ही यह आशंका उसके मन में घर कर गयी थी कि पता नहीं वह पुनः मोना से मिल सकेगा या नहीं। युद्ध की विभीषका में जीवन का कोई भरोसा नहीं कि कब क्या हो जाये? एक अनिश्चित समय आगे पसरा हुआ था,