अपनों से मिला दर्द एक दिन धरती माता काफी विचलित हो रही थी। चेहरे की चमक और मन में शांति का भाव दोनों लुप्त हो गए। कारण था मनुष्य का अनैतिक पाप कर्म, वनों की कटाई और अवांछित कार्यों की ओर अधिक ध्यान देना। वह प्राकृतिक संसाधनों का अनियंत्रित दोहन एवं धन संपदा बढ़ाने में लगा था। जिससे अपना जीवन वैभव पूर्ण जी सके। महाशक्तियां अनगिनत परमाणु हथियार बनाने में लगी थीं। अन्य देशों जैसे उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किन जॉ, चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग उन्हें चुनौती दे रहे थे। रूस और अमेरिका गाहे-बगाहे एक दूसरे के आमने-सामने हो जाते