किरदार - 2

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दूसरे दिन सब लोग सुबह से ही काम में जुट जाते हैं। घर को सजाना है, गाने बजाने का भी इंतजाम करना है। एक ही दिन शेष है शादी में।अंजुम के पिता: अरे सुनती हो! संगीत में बांटने के लिए मिठाई आ गई है। कहाँ रखवानी है, जरा बताओ तो, आओ जरा जल्दी। अंजुम की माँ: हाँ, आ रही हूँ। 2 मिनट का सब्र नहीं होता यहाँ किसी से भी। पिता: सब्र, तुम्हें पता है अभी कितना काम बाकी है। दिन निकलता जा रहा है और काम कुछ हुआ नहीं। शाम तक सारे रिश्तेदार आ जायंगे उनके रुकने, खाने-पीने की व्यवस्था देखनी