"छबीला_रंगबाज़_का_शहर" : "जो है, वो नहीं है...और जो नहीं है, वही है।"*********************************छोटे शहर का एक बड़ा रंगबाज़ और हौव्वा है - छबीला सिंह। लेकिन असल में है वह एक मामूली टुच्चा।दूसरा है, अपन को शहर का इनसाइक्लोपीडिया समझने वाला स्वयंभू बड़ा पत्रकार - अरूप।जिसका अखबार दम तोड़ने के कगार पर है, लेकिन शहर के असल "गुंडाइज्म" का गूढ़ ज्ञान अगर किसी के पास है, तो बस इसी के पास।तीसरा... न,न,न, ये कोई खतरनाक बंदा नहीं है। ये शहर का सबसे सरल,सीधा और सज्जन प्राणी है, और वो भी इसलिए है क्योंकि वह इस शहर का