हास्य कहानी : पॉकेट रेडियो -छोटी उम्र की खुराफात का एक नमूना

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पिछले पंद्रह मिनट से हम तीन फिट की दीवार पर कान पकड़े खड़े थे और माता जी गुस्से से हाथ में हमारा ही प्लास्टिक का बैट लिए इंतजार कर रहीं थी कि ज़रा हिले तो दो चार लगा दें| हमें तो समझ ही नहीं आ रहा था कि ऐसा भला क्या हो गया जो इतनी ज़बरदस्त सजा दे दी गई थी, पर माता जी का पारा गरम था, एक तो उनके आदेश का उल्लंघन ऊपर से एक बड़ा कांड….. बात उन दिनों की है जब हम शर्ट और हाफ पैंट पहना करते थे, वैसे हाफ पैंट तो अब भी