क्रांति चेतना के कवि कबीर

  • 9.4k
  • 1.9k

क्रांति चेतना के कवि कबीर कबीर के अप्रतिम व्यक्तित्व और मूल्यप्रेरित काव्य का समग्र और सही विश्लेषण करने वाले विद्वान् हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है कि हिन्दी साहित्य के हजार वर्षों के इतिहास में कबीर जैसा व्यक्तित्व लेकर कोई लेखक पैदा नहीं हुआ। यह असाधारणता उनके व्यक्तित्व और काव्य दोनों का गुण है। जैसा विलक्षण और प्रखर उनका व्यक्तित्व है वैसा ही सत्यान्वेषी उनका काव्य है। मुक्ति की भावनापूर्ण भूमि पर स्थित होते हुए भी वह विवेक और विचार से निरन्तर सचेत है। यह कबीर के जीवन की आश्चर्यजनक महत्ता है कि जहाँ जीवनोचित स्थितियों के निषेध