हृदय परिवर्तन

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हृदय परिवर्तन सुरेश, महेश और राकेश तीनों मित्र थे। वे कक्षा दसवीं के छात्र थे। तीनों बहुत शरारती और उद्दण्ड थे। उनके शिक्षक, अभिभावक और साथी सभी उनसे परेशान रहते थे। शिक्षकों द्वारा उन्हें प्रायः दण्डित किया जाता रहता था किन्तु इसका कोई प्रभाव उन पर दिखलाई नहीं देता था। शाला में नये प्रधानाचार्य आये तो इन तीनों की शिकायत उनके पास तक भी पहुँची। उन्होंने तीनों के विषय मे अच्छी तरह से जांच पड़ताल करने के बाद उन्हें अपने कक्ष में बुलवाया। शाला का चपरासी मोहन उनके पास गया और बोला प्राचार्य जी ने तुम तीनों को अपने