जय हिन्द की सेना - 6

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जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म छः ढलान समाप्त हो रही थी। भानु ने गियर बदला, अब जीप हल्की चढ़ाई पर चढ़ रही थी। नदी से पहले का ऊबड़—खाबड़ बीहड़ क्षेत्र। कुछ पल शांतमय बीते। अब जीप उसी नदी के पुल को पार कर रही थी जिस नदी को कल ठीक मुँह अंधेरे मोना छोटी नाव की मदद से पार करके इस ओर आयी थी। कल वह पूर्व से पश्चिम की ओर इस उम्मीद से नदी पार गयी थी कि वह अब कभी भी वापस नदी के उस ओर नहीं आयेगी। परन्तु ठीक चालीस घण्टे बाद ही वह नदी के