बेनामी ख़त - 2

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Dear किताब ,एक खत तुम्हारे भी नाम का । इसलिए क्योकि वो लड़का तुम्हे आज तक लिख नही पाया । ऐसा नही की उसने कोशिश नही की , उसने कोशिश तो की लेकिन शुरू की हुई कहानी को उसके अंजाम तक नही पहोचाया उसे बस अधूरा रहने दिया । इसलिए ये खत के जरिये वो तुमसे माफी मांगना चाहता है और तुमसे उम्मीद रखता है कि तुम उसे माफ भी कर दोगी । मुझे आज भी याद है उस 14 -15 साल के एक बच्चे ने स्कूल में एक लेखक बनने का ख़ाब देखा था । क्यो - किसलिए मुझे नही