गवाक्ष - 20

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गवाक्ष 20== रेकॉर्डर का बटन दबा दिया गया, सत्यनिधि ने नटराज व शारदा माँ की प्रतिमाओं के समक्ष वंदन किया और कॉस्मॉस की ओर देखकर मुस्कुरा दी जो उठकर उसके पास आकर उसके जैसे ही प्रणाम करने की चेष्टा कर रहा था। वातावरण में संगीत की स्वर-लहरी बिखरने लगी और नृत्यांगना के कदम धीमे-धीमे उठते हुए लयबद्ध होने लगे। कुछेक पलों में वह संगीत के लय -ताल में खोने लगी --'तिगदा दिग दिग थेई'के साथ उसने चक्कर काटने शुरू कर दिए । कॉस्मॉस भी लट्टू की भाँति घूमने लगा था। कितना आनंद आ रहा था ! वह सब भूलता जा रहा था, कौन है?कहाँ है?कहाँ से आया है?'थेई' के साथ वह