कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 11 समय की रफ्तार तो एक ही रहती हैं परंतु मनुष्य कभी धीमे और कभी तेज गति से उसके साथ कदम मिलाने के प्रयास में जुटा रहता है। जिसमें कभी वह अपनी सफलता पर इतराता है और कभी असफल हो कर मायूस हो जाता है। निशा का युनिवर्सिटी में यह अंतिम वर्ष है। सब छात्र छात्राएँ अच्छे अंकों में पास होने के लिए जी-जान से परिश्रम कर रहे हैं। अंतिम वर्ष में ही विद्यार्थी नौकरियों के लिए अर्जी डालना आरंभ कर देते हैं। बस सब का यहाँ इतना ही साथ होता है। अलग होते